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हिटलर की आत्मकथा: कॉपीराइट हटा तो क्या होगा?

हिटलर की आत्मकथा: कॉपीराइट हटा तो क्या होगा?

जर्मन तानाशाह एडोल्फ़ हिटलर की आत्मकथा माइन काम्फ़ (मेरा संघर्ष) पर 2015 के अंत में कॉपीराइट खत्म हो जाएगा.

क्या होगा जब जर्मन अधिकारी इस किताब के प्रकाशन और वितरण पर नियंत्रण नहीं रख पाएँगे.

माइन काम्फ़ पर से कॉपीराइट खत्म होने का मतलब है कि जर्मनी में कोई भी इसे छाप सकेगा.

क्या हो सकता असर, पढ़ें पूरा लेख
जर्मनी में लेखक की मृत्यु के 70 साल बाद (2015 के अंत में) किसी किताब का कॉपीराइट खत्म होता है. इसके बाद किसी के भी पास उसे छापने का हक़ होता है. हिटलर ने 1945 में आत्महत्या की थी.

सबसे ज़हरीला सांप, बिच्छू या घोंघा?

सबसे ज़हरीला सांप, बिच्छू या घोंघा?

दुनिया के सबसे ज़हरीले जानवरों की किसी भी सूची में सांप शीर्ष स्थान पर आते हैं. सारे सांप ज़हरीले तो नहीं होते लेकिन कुछ सांप काफ़ी ज़हरीले होते हैं.

ऑस्ट्रेलिया की ब्रिसबेन यूनिवर्सिटी के डॉ. ब्रायन फ्राय के मुताबिक़ ऑस्ट्रेलिया की एक स्थानीय प्रजाति सबसे ज़्यादा ज़हर बनाती है.

ब्रायन फ्राय कहते हैं, "मुल्गा सांप की एक बाइट में 1.3 ग्राम ज़हर होता है." इस सांप को किंग ब्राउन भी कहा जाता है और यह पूरे ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है. यह अमूमन लकड़ी के पुराने ढेर या कचरे में पाया जाता है.

हालांकि इसके बाद भी ऑस्ट्रेला में सांप काटने के मामले कम ही सामने आते हैं.

'भारतीय एशिया के सबसे बड़े भुलक्कड़, कैब में टीवी तक भूल जाते हैं लोग'

'भारतीय एशिया के सबसे बड़े भुलक्कड़, कैब में टीवी तक भूल जाते हैं लोग'

भूलने की समस्या लगभग हर किसी को होती है, लेकिन हम भारतीयों में ये समस्य कुछ ज्यादा ही है। हम भारतीय कैब से यात्रा करने के दौरान ना सिर्फ अपना फोन भूलते हैं, बल्कि बच्चों की तिपहिया साइकिल, एलसीडी टीवी, बैग, झींगा मछली तक छोड़ जाते हैं। ऐसी कई कहानियां आपको मिलेंगी। एप आधारित टैक्सी सेवा देने वाली उबर ने अपने एक सर्वेक्षण में ऐसी कई घटनाओं का जिक्र किया है जहां भारतीय एलसीडी टीवी तक उसकी कैब में यात्रा करने के दौरान भूल गए।

ये अपने बच्चों की जान क्यों ले रहे हैं?

ये अपने बच्चों की जान क्यों ले रहे हैं?

कोलंबिया, इक्वेडोर और बेलीज़ में पाया गया है कि एक ख़ास नस्ल के बांदर- स्पाइडर मंकी अपने ही नर बच्चों की हत्या कर रहे हैं.

एक नए अध्ययन के मुताबिक स्पाइडर मंकी के नर बच्चों की हत्या की वजह यौन प्रतिस्पर्धा को रोकना है.

स्पाइडर मंकी इन्हें इसलिए कहा जाता है कि ये बंदर कभी-कभार ही ज़मीन पर अपने पैर रखते हों. एक डाली से दूसरी डाली और एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर यह घंटों टंगे रहते हैं.

इस कूदने-फांदने और टहनियों से लटकने में इनकी पूंछ भी इनकी मदद करती है.

स्तनधारियों में 35 वानर प्रजातियों समेत 119 प्रजातियों में शिशुहत्या सामान्य बात है.

क्या ये इंसानों की नई प्रजाति है?

क्या ये इंसानों की नई प्रजाति है?

चीन में पिछले दिनों विचित्र किस्म का जीवाश्म मिला, जो अब तक मालूम मानव प्रजाति के जीवाश्म से मेल नहीं खाता. क्या यह जीवाश्म किसी नए जीव के अस्तित्व की ओर इशारा करता है?

ये जीवाश्म न तो यूरोप में 35 हजार से डेढ़ लाख साल पहले मिले आदिमानव से मेल खाता है और न आधुनिक मानव से.

यह एकदम अलग है, पर जीवाश्म किस जीव का है, इसे लेकर कुछ भी तय नहीं है.

हालांकि जीवाश्म से संकेत मिलते हैं कि कोई अज्ञात प्रजाति के मानवों का अस्तित्व 60 हज़ार से एक लाख 20 हज़ार साल पहले मौजूद था.

मुमकिन है कि ये जीवाश्म किन्हीं दो मालूम प्रजातियों के बीच रूपांतरण काल का हो सकता है.

क्या ये इंसानों की नई प्रजाति है?

क्या ये इंसानों की नई प्रजाति है?

चीन में पिछले दिनों विचित्र किस्म का जीवाश्म मिला, जो अब तक मालूम मानव प्रजाति के जीवाश्म से मेल नहीं खाता. क्या यह जीवाश्म किसी नए जीव के अस्तित्व की ओर इशारा करता है?

ये जीवाश्म न तो यूरोप में 35 हजार से डेढ़ लाख साल पहले मिले आदिमानव से मेल खाता है और न आधुनिक मानव से.

यह एकदम अलग है, पर जीवाश्म किस जीव का है, इसे लेकर कुछ भी तय नहीं है.

हालांकि जीवाश्म से संकेत मिलते हैं कि कोई अज्ञात प्रजाति के मानवों का अस्तित्व 60 हज़ार से एक लाख 20 हज़ार साल पहले मौजूद था.

मुमकिन है कि ये जीवाश्म किन्हीं दो मालूम प्रजातियों के बीच रूपांतरण काल का हो सकता है.

दिल को बीमार करने वाला ख़तरनाक जीन

दिल को बीमार करने वाला ख़तरनाक जीन

तनाव के लिए ज़िम्मेदार एक जीन को हृदयघात या दिल की बीमारी में मौत का ख़तरा बढ़ाने वाला क़रार दिया गया है.

हृदय के जिन मरीजों में जीन संबंधी ऐसे बदलाव होते हैं, उनमें दिल के दौरे का खतरा 38 फ़ीसदी बढ़ जाता है. ब्रिटिश हार्ट फ़ाउंडेशन का कहना है कि इस अध्ययन से सीधे तौर पर तनाव के कारण हृदय संबंधी बीमारियों का ख़तरा बढ़ने का प्रमाण और पुख़्ता होता है.

ड्यूक यूनीवर्सिटी के स्कूल ऑफ़ मेडिसिन की एक टीम ने मानव जीनोम के उस डीएनए का अध्ययन किया, जो तनाव से जुड़ा होता है. उन्होंने पाया कि जीन में परिवर्तन होने पर दिल के मरीज़ों में दौरा पड़ने या मौत का ख़तरा 38 फ़ीसदी बढ़ जाता है.

दिल को बीमार करने वाला ख़तरनाक जीन

दिल को बीमार करने वाला ख़तरनाक जीन

तनाव के लिए ज़िम्मेदार एक जीन को हृदयघात या दिल की बीमारी में मौत का ख़तरा बढ़ाने वाला क़रार दिया गया है.

हृदय के जिन मरीजों में जीन संबंधी ऐसे बदलाव होते हैं, उनमें दिल के दौरे का खतरा 38 फ़ीसदी बढ़ जाता है. ब्रिटिश हार्ट फ़ाउंडेशन का कहना है कि इस अध्ययन से सीधे तौर पर तनाव के कारण हृदय संबंधी बीमारियों का ख़तरा बढ़ने का प्रमाण और पुख़्ता होता है.

ड्यूक यूनीवर्सिटी के स्कूल ऑफ़ मेडिसिन की एक टीम ने मानव जीनोम के उस डीएनए का अध्ययन किया, जो तनाव से जुड़ा होता है. उन्होंने पाया कि जीन में परिवर्तन होने पर दिल के मरीज़ों में दौरा पड़ने या मौत का ख़तरा 38 फ़ीसदी बढ़ जाता है.

नगालैंड में सिर काटने वाला क़बीला

नगालैंड में सिर काटने वाला क़बीला

लोंगवा घने जंगलों के बीच म्यांमार सीमा से लगता भारत का आख़िरी गांव है. भारत के इस पूर्वोत्तर राज्य में 16 जनजातियां रहती हैं.

नगालैंड में सबसे अधिक कबीले
कोंयाक आदिवासियों को बेहद खूंखार माना जाता है. अपने क़बीले की सत्ता और ज़मीन पर क़ब्जे के लिए वे अक्सर पड़ोस के गांवों से लड़ाईयां किया करते थे.

कोंयाक गांव क्योंकि पहाड़ की चोटी पर है, इसलिए वे वहाँ से आसानी से अपने दुश्मनों पर नज़र रख सकते हैं.

सेहत के लिए खड़े रहना अच्छा

सेहत के लिए खड़े रहना अच्छा

अनुमान लगाइए कि आप दिन भर में कितने घंटे बैठे-बैठे गुजारते हैं? हाल में किए गए एक सर्वे में पता चला है कि हम कंप्यूटर पर काम करते हुए या टीवी देखते हुए करीब 12 घंटे बैठे हुए बिता देते हैं. यदि इसमें सोने के घंटों को भी मिला लें, तो हम 19 घंटे निष्क्रिय बिता देते हैं. कुछ अध्ययनों के अनुसार ज्यादा घंटे बैठने वाले लोग ज्यादा सक्रिय लोगों से दो साल कम जीते हैं. बल्कि यदि आपको रोज कसरत की भी आदत हो तो भी इससे खास फर्क नहीं पड़ता.

दिमाग़ की उत्तेजना दिल के लिए फायदेमंद!

दिमाग़ की उत्तेजना दिल के लिए फायदेमंद!

दिमाग़ के एक हिस्से की उत्तेजना दिल के लिए फायदेमंद हो सकती है.

'प्रोसीडिंग्स ऑफ़ द नेशनल एकेडमी ऑफ़ साइंस' में प्रकाशित इस रिसर्च पेपर के अनुसार दिमाग़ का जो हिस्सा शरीर की गतिविधियों को नियंत्रित करता है, उसके उत्तेजित होने से दिल का दौरा पड़ने के बाद मरीज़ की हालत सुधर सकती है.

अध्ययन में चूहे के दिमाग़ पर तेज़ रोशनी डाली गई. ये चूहे उन जानवरों की तुलना में तेजी से दौड़ने लगे जिन पर यह प्रयोग नहीं आज़माया गया था.

भुलक्कड़ नहीं कहलाना है तो कसरत करें

भुलक्कड़ नहीं कहलाना है तो कसरत करें

70 साल की उम्र में भी दिमाग ठीक से काम कर सके और 'डिमेनशिया' यानी भूलने जैसी बीमारी ना हो इसके लिए ज़रूरी है व्यायाम करना.

लेकिन, बुढ़ापे में दिमाग दुरुस्त रखने के लिए ज़रूरी नहीं कि दिमागी कसरत ही की जाए. 70 की उम्र में रोजाना शारीरिक व्यायाम भी दिमाग़ को दुरुस्त रख सकता है.

ब्रिटेन में सेवानिवृत्त हो चुके 668 लोगों पर तीन वर्षों तक किए गए एक अध्ययन में पता चला है कि वे लोग जो शारीरिक रूप से क्रियाशील हैं, उनके दिमाग में किसी तरह का संकुचन नहीं होता और उम्र अपना असर नहीं दिखाती.

आप 'टालूराम' हैं तो ये ज़रूर पढ़ें

आप 'टालूराम' हैं तो ये ज़रूर पढ़ें

क्या आपको काम टालने की आदत है? काम पूरा करने में अक्सर देर हो जाती है? मैं तो अक्सर काम टालती थी, काम पूरा करने में देर लगाती थी.

इसलिए मैने तय किया है कि मैं दिमाग़ी प्रशिक्षण लूँगी ताकि भटकते मन से पैदा होने वाली समस्याओं से निजात पा सकूँ. लेकिन क्या ये संभव है?

अपनी एकाग्रता बढ़ाने और मन को भटकने से रोकने के लिए मैं अमरीका की बोस्टन अटेंशन एंड लर्निंग लैब में पहुँची. दिमाग़ पर शोध करने वाले वैज्ञानिक माइक ईस्टरमैन और जो दीगुटिस ने पिछले सात साल में दिमाग़ का प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किया है जो एकाग्रता बढ़ाता है.

क्या दूसरे दिल की सुनता है दिमाग़?

क्या दूसरे दिल की सुनता है दिमाग़?

जब किसी आदमी को नया दिल लगाया जाता है, तो उसका दिमाग़ भी असामान्य रूप से बदल जाता है. क्यों?

इससे हमारे पूरे शरीर के बारे में हैरान करने वाले तथ्यों का पता चला.

कार्लोस (बदला हुआ नाम) के शरीर में एक छोटा यांत्रिक पंप (दूसरा दिल) लगाया गया था ताकि उसके दिल की कमज़ोर हो चुकी मांसपेशियों का बोझ कम किया जा सके.

कार्लोस को अपने पेट पर एक हल्की 'टक्कर' महसूस होती थी जो उनके दूसरे दिल की धड़कन थी.

ऐसा लगता था कि मशीन की थाप ने उनकी नब्ज की जगह ले ली हो. जब नाभि के ऊपर मशीन धड़कती तो कार्लोस को ऐसा लगता कि उनके दिल को पेट के निचले हिस्सा में गिरा दिया गया है.

क्या दूसरे दिल की सुनता है दिमाग़?

क्या दूसरे दिल की सुनता है दिमाग़?

जब किसी आदमी को नया दिल लगाया जाता है, तो उसका दिमाग़ भी असामान्य रूप से बदल जाता है. क्यों?

इससे हमारे पूरे शरीर के बारे में हैरान करने वाले तथ्यों का पता चला.

कार्लोस (बदला हुआ नाम) के शरीर में एक छोटा यांत्रिक पंप (दूसरा दिल) लगाया गया था ताकि उसके दिल की कमज़ोर हो चुकी मांसपेशियों का बोझ कम किया जा सके.

कार्लोस को अपने पेट पर एक हल्की 'टक्कर' महसूस होती थी जो उनके दूसरे दिल की धड़कन थी.

ऐसा लगता था कि मशीन की थाप ने उनकी नब्ज की जगह ले ली हो. जब नाभि के ऊपर मशीन धड़कती तो कार्लोस को ऐसा लगता कि उनके दिल को पेट के निचले हिस्सा में गिरा दिया गया है.

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