Anand's blog

get iti website @ 1800/-

 

 

कई जंगलों को निगलने वाला 'महादैत्य' मशरूम

 कई जंगलों को निगलने वाला 'महादैत्य' मशरूम

इक्कीसवीं सदी का दूसरा दशक ख़त्म होने को है. आबादी के बोझ से धरती कराह रही है. धरती की आब-ओ-हवा बिगड़ रही है. पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है. प्लास्टिक का कचरा इंसानियत के भविष्य को रौंद रहा है.

ऐसे में इंसान को आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित बनाने के लिए ज़रूरत है चमत्कार की. ऐसा चमत्कार, जो इन चुनौतियों से पार पाने में मदद करे. धरती पर प्रदूषण कम करे. पर्यावरण को नुक़सान पहुंचाने वाली चीज़ों का बेहतर क़ुदरती विकल्प बने.

अब ये चमत्कार तो क़ुदरत ही कर सकती है. वैज्ञानिकों को लगता है कि प्रकृति ने हमें वो नेमत दे रखी है. ज़रूरत है बस उसके फ़ायदों पर से पर्दा हटाने की.

कागज से बनी बैटरी बैक्टीरिया से चलेगी

कागज से बनी बैटरी बैक्टीरिया से चलेगी

कभी सोचा है कि आपकी मेज पर रखा कागज भी बैटरी का काम कर सकता है? चौंकिए मत, अमेरिकी शोधकर्ताओं ने कागज मोड़ने की विशेष जापानी तकनीक ओरिगामी की मदद से कागज की बैटरी बनाई है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे ऊर्जा बैक्टीरिया के जरिये मिलती है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि यह बैटरी सूक्ष्मजीवों की श्वसन क्रिया के माध्यम से ऊर्जा उत्पादित करती है। अमेरिका स्थित बिंघमटन यूनिवर्सिटी के श्योखेऊं चोई ने कहा, "कागज न केवल बेहद सस्ती बल्कि जैविक रूप से विघटित हो जाने वाली चीज भी है।

कागज से बनी बैटरी बैक्टीरिया से चलेगी

कागज से बनी बैटरी बैक्टीरिया से चलेगी

कभी सोचा है कि आपकी मेज पर रखा कागज भी बैटरी का काम कर सकता है? चौंकिए मत, अमेरिकी शोधकर्ताओं ने कागज मोड़ने की विशेष जापानी तकनीक ओरिगामी की मदद से कागज की बैटरी बनाई है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे ऊर्जा बैक्टीरिया के जरिये मिलती है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि यह बैटरी सूक्ष्मजीवों की श्वसन क्रिया के माध्यम से ऊर्जा उत्पादित करती है। अमेरिका स्थित बिंघमटन यूनिवर्सिटी के श्योखेऊं चोई ने कहा, "कागज न केवल बेहद सस्ती बल्कि जैविक रूप से विघटित हो जाने वाली चीज भी है।

भारतवर्ष का नाम “भारतवर्ष” कैसे पड़ा?

भारतवर्ष का नाम “भारतवर्ष” कैसे पड़ा?

भारतवर्ष का नाम “भारतवर्ष” कैसे पड़ा?
हमारे लिए यह जानना बहुत ही आवश्यक है
भारतवर्ष का नाम भारतवर्ष कैसे पड़ा? एक सामान्य जनधारणा है
कि महाभारत एक कुरूवंश में राजा दुष्यंत और
उनकी पत्नी शकुंतला के
प्रतापी पुत्र भरत के नाम पर इस देश का नाम भारतवर्ष
पड़ा। लेकिन वही पुराण इससे अलग कुछ
दूसरी साक्षी प्रस्तुत करता है। इस ओर
हमारा ध्यान नही गया, जबकि पुराणों में इतिहास ढूंढ़कर
अपने इतिहास के साथ और अपने आगत के साथ न्याय करना हमारे
लिए बहुत ही आवश्यक था। तनक विचार करें इस
विषय पर:-आज के वैज्ञानिक इस बात को मानते हैं

उच्च रेशायुक्त आहार किसी वरदान से कम नहीं

उच्च रेशायुक्त आहार किसी वरदान से कम नहीं

क्या आपको दिल का दौरा आया है? तो खूब रेशे वाला खाना खाएं. बीमारी से जल्द उबरने के लिए ये सलाह दी है अमरीकी शोधकर्ताओं ने.

ब्रितानी मेडिकल जर्नल में एक अध्ययन छपा है जिसमें ये बताया गया है कि दिल के दौरे से बच निकलने में कामयाब लोग यदि हाई-फाइबर फूड यानि उच्च रेशायुक्त आहार लें तो नौ साल तक उनकी जान को कोई खतरा नहीं होता.

अध्ययन में कहा गया है कि यदि आहार में रेशे की मात्रा रोज 10 ग्राम बढ़ाई जाए तो मौत का खतरा 15 फीसदी कम हो जाता है.

विशेषज्ञों के अनुसार भोजन में मौजूद रेशे कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को ठीक रखते हैं.

बच्चों के लिए प्रैम मददगार या ख़तरनाक?

बच्चों के लिए प्रैम मददगार या ख़तरनाक?

तैयार होकर प्रीति ने प्रैम (पेराम्ब्यूलेटर- बच्चों को घुमाने वाली गाड़ी) निकाली, अपने एक साल के बच्चे को उसमें लिटाया और शॉपिंग के लिए निकल पड़ी.

प्रीति अक्सर बाहर जाते वक़्त बेटे चीकू को प्रैम में ही लेकर जाती हैं. वो कहती हैं कि बच्चे को गोद में लेकर बहुत से काम करना मुश्किल होता है.

क्या इंसान सोचने से ज़्यादा हंसता है?

क्या इंसान सोचने से ज़्यादा हंसता है?

हंसी इंसान का ऐसा भाव है, जो पूरी दुनिया में ख़ुशी के जज़्बात बयां करने के लिए जानी जाती है. हर इंसान हंस सकता है. हर हंसी के अलग मायने होते हैं. कोई यूं ही हंस पड़ता है. किसी को गुदगुदी से हंसी आ जाती है. कोई मज़ाक़ कर के ख़ुद ही ठहाका लगा लेता है. तो, कोई दूसरे का जोक सुनकर ज़ोर से हंस पड़ता है. कभी किसी की उपलब्धि पर हंसी आती है. तो, कई बार किसी को मुश्किल में पड़ा देख लोग अपनी हंसी नहीं रोक पाते.

कुल मिलाकर ये कहें कि हंसी का इंसान के समाज और संवाद से गहरा ताल्लुक़ है, तो ग़लत नहीं होगा.

इंसान के सामाजिक प्राणी होने की मज़बूत धुरी है हंसी.

घोड़े बेच कर सोती हैं महिलाएँ

घोड़े बेच कर सोती हैं महिलाएँ

आम तौर पर माना जाता है कि महिलाओं की नींद पुरुषों से ख़राब होती है लेकिन नया शोध इस तथ्य को ग़लत साबित करता है.

नए शोध से पता चला है कि महिलाओं को पुरुषों से अधिक नींद आती है और वो पुरुषों की तुलना में अच्छी नींद ले पाती हैं.

बुज़ुर्ग महिलाओं को ऐसा लगता है कि उनकी नींद कम अवधि की होती है और बुज़ुर्ग पुरुषों की तुलना में उन्हें उतनी अच्छी नींद नहीं आती है.

लेकिन अब नए शोध के अनुसार ऐसा बिल्कुल नहीं है. पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक नींद की ज़रुरत होती है.

गोली खाइए, और शुक्राणुओं को 'नजरबंद' कीजिए

गोली खाइए, और शुक्राणुओं को 'नजरबंद' कीजिए

वो वक्त नजदीक आ रहा है जब पुरुष अपनी महिला साथी के गर्भ ठहर जाने की आशंका से परे सेक्स जीवन का भरपूर आनंद उठा पाएंगे.

इस बात की संभावना इसलिए जताई जा रही है क्योंकि आस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा तरीका खोज लिया है, जिससे सेक्स संबंध पर असर डाले बगैर वीर्य स्खलन को कुछ देर के लिए स्थगित किया जा सकेगा.

जानवरों के साथ किए गए परीक्षण में पाया गया कि सेक्स के दौरान बन रहे शुक्राणुओं का "भंडारण" किया जा सकता है.

इस शोध के परिणाम राष्ट्रीय विज्ञान एकेडमी की पत्र-पत्रिकाओं में छपें.

पूरे चेहरे का 'सफल' ट्रांसप्लांट

पूरे चेहरे का 'सफल' ट्रांसप्लांट

स्पेन में डॉक्टरों ने कहा है कि उन्होंने एक युवक के पूरे चेहरे का सफलतापूर्वक प्रतिरोपण किया है. उनका दावा है कि विश्व में पहली बार ऐसा ट्रांसप्लांट किया गया है.

पाँच साल पहले ये युवक एक दुर्घटना का शिकार हो गया था. इसके बाद से वो बिना किसी की मदद से न तो ख़ुद कुछ निगल पाता था और न साँस ले पाता था. बोलने में भी उन्हें दिक्कत होती थी.

अब कुछ सर्जनों ने मिलकर युवक को बिल्कुल नया चेहरा दिया है- इसमें त्वचा के अलावा एक दानदाता की हड्डियाँ, दाँत और होंठ शामिल हैं.

बार्सिलोना में अस्पताल के प्रवक्ता का कहना है कि पिछले महीने हुए ऑपरेशन के बाद युवक स्वास्थ्य लाभ ले रहा है.

निकोला टेस्ला की पांच भविष्यवाणियां जो सही साबित हुईं

निकोला टेस्ला की पांच भविष्यवाणियां जो सही साबित हुईं

निकोला टेस्ला 19 वीं शताब्दी के महान आविष्कारकों में से एक थे. हालांकि वो कभी अपने महान प्रतिद्वंद्वी थॉमस एडिसन जितने लोकप्रिय नहीं हुए.

दिलचस्प बात ये भी है कि थॉमस एडिसन उनके बॉस थे.

जो बिजली की रूप में ख़पत करते हैं इसे विकसित करने में क्रोएशियाई इंजीनियर निकोला टेस्ला का बड़ा योगदान है.

एडिसन डायरेक्ट करंट (डीसी) को बेहतर मानते थे, जो 100 वोल्ट की पावर पर काम करता था और उसे दूसरे वोल्टेज में बदलना मुश्किल था. लेकिन टेस्ला का सोचना था कि अल्टरनेटिव करंट (एसी) बेहतर है, क्योंकि उसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाना आसान था.

आख़िर आंसू क्यों निकलते हैं?

क्या आप जानते हैं कि इंसानों को जानवरों से अलग करने वाली चीज़ों में से एक चीज़ आंसू भी हैं. जी हां सिर्फ़ इंसान ही भावुक होकर आंसू बहा सकता है.

चोट लगने से आंसू आते हैं और दुखी होने पर भी आंसू आते हैं. सवाल है क्यों?

वैसे तकनीकी रूप से आंसू आंख में होने वाली दिक्कत का सूचक है. ये आँख को शुष्क होने से बचाता है और उसे साफ और कीटाणु रहित रखने में मदद करता है. ये आंख की अश्रु नलिकाओं से निकलने वाला तरल पदार्थ है जो पानी और नमक के मिश्रण से बना होता है.

लेकिन भावुक होने पर आने वाले आंसू अब भी अबूझ हैं?

कौन है धरती की 'जुड़वां' बहन?

कौन है धरती की 'जुड़वां' बहन?

अमरीकी खगोलशास्त्रियों ने अंतरिक्ष की अतल गहराइयों में से आठ नए ऐसे ग्रह खोजे हैं, जो पृथ्वी से मिलते-जुलते हैं.

खगोलविदों के मुताबिक़ इन आठ में से एक 'पृथ्वी से सबसे ज़्यादा मिलता-जुलता' ग्रह है.

सभी ग्रहों का पता लगाया है नासा की केपलर अंतरिक्ष दूरबीन ने.

अमरीकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी की बैठक में ये दिलचस्प जानकारियां सामने आईं.

'जुड़वां' धरती

खगोल वैज्ञानिकों के मुताबिक़ आठ में से केवल तीन ग्रह अपने परिचारक तारे के आवासीय क्षेत्र के भीतर हैं और इनमें से केवल एक हमारी पृथ्वी की तरह चट्टानी और थोड़ा गर्म है.

'भारतीय पेंट्स हैं ख़तरनाक'

'भारतीय पेंट्स हैं ख़तरनाक'

भारतीय घरों के दरो-दीवार, खिड़कियों और दरवाज़ों पर रंग बिखेरते पेंट्स अपनी कीमत लोगों की जेब के साथ साथ अक्सर उनकी सेहत से भी वसूल रहे हैं.

विज्ञानं और पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था सेटर फार साईंस एंड एनवायरनमेंट ने दावा किया है कि भारत में बिकने वाले ज़्यादातर पेंट में स्वास्थय के लिए हानिकारक सीसे की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है.

सीसा एक विषैला रसायन है जो आम लोगो की सेहत और बच्चों के मानसिक विकास में बाधा पैदा कर सकता है.

क्‍या होगा यदि ब्‍लैक होल में गिर गई धरती

क्‍या होगा यदि ब्‍लैक होल में गिर गई धरती

ब्‍लैक होल्‍स के बारे में जानने के लिए लंबे समय से लोगों के मन में उत्‍सुकता बनी रही है। गुरुत्‍वाकर्षण तरंगों के बारे में जानकारी मिलने के बाद अब ब्‍लैक होल्‍स के बारे में जानने के लिए लोगों का रुझान निश्चित रूप से बढ़ा है। यदि धरती ब्‍लैक होल में गिर जाए, तो वैज्ञानिकों ने तीन परिकल्‍पनाएं बताई हैं।

Pages

ITI Student Resume Portal

रिज्यूम पोर्टल का मुख्य उद्देश्य योग्य छात्रों की जानकारी सार्वजनिक पटल पर लाने की है जिससे जिन्हें आवश्यकता हो वह अपने सुविधा अनुसार छात्रों का चयन कर सकते हैं

ITI Student Resume

Search engine adsence