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चंद्रयान-2: चाँद की अधूरी यात्रा में भी क्यों है भारत की एक बड़ी जीत

चंद्रयान-2: चाँद की अधूरी यात्रा में भी क्यों है भारत की एक बड़ी जीत

भारत शुक्रवार की रात इतिहास रचने से दो क़दम दूर रह गया. अगर सब कुछ ठीक रहता तो भारत दुनिया पहला देश बन जाता जिसका अंतरिक्षयान चन्द्रमा की सतह के दक्षिणी ध्रुव के क़रीब उतरता.

इससे पहले अमरीका, रूस और चीन ने चन्द्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैन्डिंग करवाई थी लेकिन दक्षिणी ध्रुव पर नहीं. कहा जा रहा है कि दक्षिणी ध्रुव पर जाना बहुत जटिल था इसलिए भी भारत का मून मिशन चन्द्रमा की सतह से 2.1 किलोमीटर दूर रह गया.

शुक्रवार की रात चंद्रयान-2 चंद्रमा की सतह पर बस उतरने ही वाला था कि लैंडर विक्रम से संपर्क टूट गया. संपर्क टूटने से पहले चंद्रमा की सतह से दूरी महज 2.1 किलोमीटर बची थी.

कुछ लोग लेफ़्ट हैंड से क्यों लिखते हैं?

कुछ लोग लेफ़्ट हैंड से क्यों लिखते हैं?

दुनिया में कुछ लोग अपने बाएं हाथ से क्यों लिखते हैं?

दुनिया भर में लोगों के लिए अब ये एक अनसुलझी पहले बनी हुई थी.

लेकिन अब ब्रितानी वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया है कि इसके लिए इंसानी जीन ज़िम्मेदार हैं.

इंसानों के डीएनए में जीन एक तरह के सुझाव देता है जो कि किसी व्यक्ति के लेफ़्ट हैंडी होने से जुड़ा होता है.

ये सुझाव इंसानी दिमाग़ की बनावट और उसके काम करने के तरीके एवं भाषाई क्षमता पर असर डालते हैं.

ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि इस वजह से लेफ़्ट हैंड से अपने काम करने वालों की बोलने-चालने की क्षमता भी बेहतर हो सकती है.

चिप्स खाकर युवा ने गंवाई आंखों की रोशनी

चिप्स खाकर युवा ने गंवाई आंखों की रोशनी

जान पहचान के दायरे में आपने भी ऐसे बच्चों को देखा होगा जो खाना देखते ही नाक भौं सिकोड़ने लगते हैं, खाना नहीं खाने के लिए बहाने बनाते हैं.

ऐसा करते हुए वे अमूमन खाना नहीं खाते और कई बार यह उनकी दिनचर्या में शामिल हो जाता है. अमूमन ऐसे बच्चे जंक फूड से अपना काम चलाने लगते हैं.

अगर आपके बच्चे में ऐसी आदत पनप गई हो तो आपको सचेत होने की जरूरत है. ब्रिटेन में 17 साल के एक युवक की आंखों की रोशनी महज इसलिए चली गई क्योंकि वह युवा केवल चिप्स खा रहा था.

प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद से ही यह बच्चा केवल फास्ट फूड पर निर्भर था.

स्मार्टफोन, टैबलेट को बनाएं अपना दफ़्तर

स्मार्टफोन, टैबलेट को बनाएं अपना दफ़्तर

स्मार्टफोन, टैबलेट को बनाएं अपना दफ़्तर
कई युवा ऐसे हैं जो घर से काम कर रहे हैं. कहीं भी, कभी भी काम करने की सहूलियत उनके लिए काफी मायने रख़ती है.
एंड्रॉएड पर ऐसे कई ऐप हैं जिनकी मदद से स्मार्टफोन या टैबलेट पर सभी काम किये जा सकते हैं.
अब रोज़ रोज़ के ऑफिस जाने के झंझट से भी आपको छुटकारा मिल सकता है. लेकिन ये आदत बदलना आसान नहीं है.
लैपटॉप और डेस्कटॉप कंप्यूटर की आदत को अगर बदलने को आप तैयार हैं तो कहीं भी कभी भी काम करना मुश्किल नहीं है.

जब ख़त्म हुए डायनासोर, कैसा था पृथ्वी पर वो आख़िरी दिन?

जब ख़त्म हुए डायनासोर, कैसा था पृथ्वी पर वो आख़िरी दिन?

पृथ्वी पर सबसे विनाशकारी दिनों में से एक के बारे में वैज्ञानिकों को नए साक्ष्य मिले हैं. वैज्ञानिकों ने मैक्सिको की खाड़ी से मिले एक 130 मीटर की चट्टान के एक टुकड़े का परीक्षण किया है. इस चट्टान में मौजूद कुछ ऐसे तत्व मिले हैं जिनके बारे में बताया जा रहा है कि 6.6 करोड़ साल पहले एक बड़े क्षुद्रग्रह (ऐस्टरॉइड) के पृथ्वी से टकराने के बाद यह जमा हुई थी.

इसके प्रभाव का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह वही उल्कापिंड है जिसके कारण विशालकाल डायनासोर विलुप्त हो गए थे. इस उल्का पिंड से टकराने से वहां 100 किलोमीटर चौड़ा और 30 किलोमीटर गहरा गड्ढा बन गया था.

इस ग्रह पर मिला पानी, जीवन भी मिलेगा?

इस ग्रह पर मिला पानी, जीवन भी मिलेगा?

अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने पहली बार पृथ्वी के अलावा एक ऐसे ग्रह का पता लगाया है जहां जीवन की संभावनाए हो सकती हैं. इस ग्रह पर पानी भी है और इंसान के रहने के लिए अनुकूल तापमान भी.

लंदन के वैज्ञानिकों ने 'नेचर' नाम की पत्रिका में इस बारे में लिखा है और बताया है कि ये ग्रह पृथ्वी से दोगुने आकार का है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इसका तापमान शून्य से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच है.

बिना एसी के अपना घर यूं ठंडा रख सकते हैं

बिना एसी के अपना घर यूं ठंडा रख सकते हैं

जलवायु परिवर्तन सारी दुनिया के लिए चिंता का विषय है. धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है. कहीं ग्लेशियर पिघल रहे हैं तो कहीं जंगलों में आग लग रही है.

फ़िलहाल अमेज़न के जंगल आग की चपेट में हैं. जिससे एक बड़े हिस्से के तापमान में अचानक तेज़ी आ गई है. गर्मी से लोग परेशान हैं. लिहाज़ा घर और दफ़्तर ठंडा रखने के लिए बड़े पैमाने पर एयर कंडीशनर लगाए जा रहे हैं.

शायद ही कोई घर या दफ़्तर होगा जहां एयर कंडिशनर ना हो. लेकिन ये एयर कंडिशनर अंदर जितना ठंडा करते हैं, उससे कहीं ज़्यादा बाहर गर्मी बढ़ा देते हैं.

TRAI ने कहा, फोन की घंटी कितनी देर बजे, इसपर फैसला होना चाहिए

TRAI ने कहा, फोन की घंटी कितनी देर बजे, इसपर फैसला होना चाहिए

ट्राई. दूरसंचार नियामक प्राधिकरण. आसान भाषा में समझें तो वो संस्था जो देश में टेलीकम्यूनिकेशन को रेगुलेट करती है. उसने एक सलाह मांगी है. सभी टेलीकम्यूनिकेशन सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों से. पूछा है कि फोन की घंटी कितनी देर बजनी चाहिए. क्यों न, 20 सेकेंड, 30 सेकेंड या 40 सेकेंड की एक तय समय-सीमा कर दें. अगर उसके अंदर कॉल रिसीव न हो तो अपने आप डिस्कनेक्ट हो जाए.  साथ ही ट्राई ने इस बात पर भी विचार मांगे हैं कि क्यों न कस्टमर्स को ही इस बात का अधिकार दे दिया जाए कि वे अपने हिसाब से टाइम ड्यूरेशन सेट कर लें

पृथ्वी पर उत्पत्ति का राज़ क्या है?

पृथ्वी पर उत्पत्ति का राज़ क्या है?

पृथ्वी पर जीवन कैसे शुरू हुआ, इसे समझने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिकों का एक समूह ब्रिटेन से मध्य अटलांटिक महासागर के लिए रवाना हो रहा है.

वैज्ञानिकों का ये दल समुद्र तल की गहराई से सूक्ष्म जीवों के नमूने इकट्ठे करेगा.

नमूने जुटाने के लिए रिमोट-कंट्रोल ड्रिल की मदद ली जाएगी.

रिमोट-कंट्रोल ड्रिल की मदद से वैज्ञानिक समुद्र तल में छेद करके पत्थरों और समुद्री सूक्ष्म जीवों के नमूने जुटाएंगे.

वे समुद्र में पानी के नीचे मौजूद पहाड़ों का शृंखला की खोज करेंगे.

डायनासोर का सबसे प्राचीन बिल

डायनासोर का सबसे प्राचीन बिल

डायनासोर का दुनिया का सबसे प्राचीन बिल ऑस्ट्रेलिया में मिला है. अभी तक दुनिया में कुल मिला कर ऐसे तीन विभिन्न बिल पाए गए हैं.

 

इसमें से सबसे बड़ा बिल दो मीटर लंबा है और तीनों एक ही प्रकार के हैं जिनमें एक छोटी प्रजाति का डायनासोर आसानी से समा सकता है.

बढ़े हुए पेट से निजात पाना है आसान

बढ़े हुए पेट से निजात पाना है आसान

हर कोई पतला और फिट रहना चाहता है। इसके लिए वह क्या नहीं करता हैं। जिससे कि इस समस्या से निजात मिल जाएं। लेकिन कई ऐसी समस्याएं हो जाती है। जिसके कारण हम अपना डाइटिंग में टाइम नहीं दे पाते हैं। जो कि कम समय के कारण सबसे अधिक होता हैं। ये भी पढ़े- दिन में सिर्फ 6 भुने हुए लहसुन खाने के है बेमिसाल फायदे जानिए आपके लिए पिज्जा ज्यादा फायदेमंद है या फिर पास्ता जानिए आखिर आपकी सेहत के लिए चावल सही है या फिर रोटी?

नष्ट होते तारों से आया धरती पर सोना

नष्ट होते तारों से आया धरती पर सोना

सोना पुराने समय से ही मनुष्य को आकर्षित करता रहा है. इस सोने की खोज में कइयों ने अपनी जान गंवाई. इसी सोने के कारण कई युध्द लड़े गये. एक ओर जहां यह आभूषण बनाने के काम आता है तो दूसरी ओर इसकी कमी इसका मूल्य बढ़ा देती है.

सोना केवल धरती पर ही कम मात्रा में नहीं है, बल्कि ब्रह्मांड में भी इसकी कमी है. पिछले दिनों एक खगोलीय घटना के विश्लेषण से वैज्ञानिकों ने यह संकेत दिया कि सोने का जन्म नष्ट होते तारों के टकराने से हुआ है. कार्बन और लोहे के विपरीत सोना तारों के अंदर नहीं पैदा होता है बल्कि इसका जन्म और भी जटिल घटना से होता है.

लैंडर की गति की वजह से नहीं हुई लैंडिंग

लैंडर की गति की वजह से नहीं हुई लैंडिंग

इसरो के पूर्व चेरमैन डॉ. माधवन नायर ने बीबीसी हिंदी से कहा, "फ़ाइनल लैंडिंग इसलिए सफल नहीं हो पाई क्योंकि लैंडर की ऊंचाई को सही तरीक़े से बरक़रार रखने में गलती हुई. यह बहुत गति से नीचे की ओर गिरा. तो यह मिशन का एक छोटा हिस्सा था जो सफल नहीं हो पाया."

डॉ. नायर इस बात पर ध्यान दिलाते हैं कि अंतरिक्ष यान के प्रक्षेपण के बाद, लैंडर और ऑर्बिटर का अलग होना, ऑर्बिटर का चंद्रमा की कक्षा में सही जगह पर स्थापित होने जैसी चीज़ों को भी महत्व दिया जाना चाहिए.

क्या वाक़ई चीनी आप की सेहत के लिए ख़राब है?

क्या वाक़ई चीनी आप की सेहत के लिए ख़राब है?

चीनी को आज सेहत का सब से बड़ा दुश्मन माना जाता है. डाइटिशियन से लेकर डॉक्टर तक, सभी आप को चीनी कम से कम खाने की सलाह देते हैं. सेहत के प्रति सतर्क यार-दोस्त मीठे से परहेज़ का मशविरा देने से नहीं चूकते.

क्या वाक़ई चीनी आप की सेहत के लिए ख़राब है?

चलिए पहले इतिहास के पन्ने पलटते हैं.

आज से 80 हज़ार साल पहले हमारे शिकारी पूर्वजों को चीनी या मीठा गाहे-बगाहे ही मिलता था. जब फलों का सीज़न होता था, उन दिनों में ही वो मीठा खाते थे. फलों को खाने के लिए भी उनका मुक़ाबला परिंदों और दूसरे जानवरों से होता था.

फ़ाइल ट्रांसफ़र बिना डेटा ख़र्च किए

फ़ाइल ट्रांसफ़र बिना डेटा ख़र्च किए

आपके परिवार में एक से ज़्यादा एंड्रायड फ़ोन और टैबलेट होंगे.

अपने एंड्रायड डिवाइसों के बीच फ़ाइल ट्रांसफ़र करने पर आपको डेटा चार्ज देना पड़ता है, लेकिन इस तरह के डेटा चार्ज से बचने का आसान तरीक़ा है.

अगर आप एक ही वाई-फाई नेटवर्क पर हैं तो आपके डेटा को इस्तेमाल किए बिना ही ये काम हो सकता है. इसके लिए कई ऐप हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं.

ऐप से फ़ाइल ट्रांसफ़र

अगर आपके दोनों एंड्रॉयड डिवाइस पर 'वाई-फाई फाइल ट्रांसफर फॉर फ़ोन' नाम का ऐप है तो आप ये कर सकते हैं.

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