सूर्य से चलने वाली प्राचीन घड़ियां

ब्रिटेन के इंचकोम आईलैंड के पास विशेष घड़ियां मिली हैं जो सूर्य की रोशनी के अनुसार चलती थीं.
इन घड़ियों को सनडायल कहा जाता है.
इन घड़ियों का इस्तेमाल ऑगस्टिनियन भिक्षु समय देखने के लिए करते थे और ये घड़ियां दीवारों पर ही खुदी होती थीं.
मध्य काल में ये भिक्षु संभवत: इन्हीं घड़ियों के आधार पर अपने सारे काम नियत समय पर करते थे.
इतिहासकारों का मानना है कि मध्यकालीन भिक्षु अपने सारे कामों में समय को बहुत महत्व देते थे. अब ये पता चल रहा है कि भिक्षु समय का पता कैसे लगाते थे.
ब्रिटिश सनडायल सोसाइटी का कहना है कि स्कॉटलैंड में ऐसे कम ही डायल मिले हैं.
खोज
इंचकोम आईलैंड में जो सनडायल मिला है उसे हिस्टोरिक स्कॉटलैंड कलेक्शन्स रजिस्ट्रार ह्यू मॉरीसन और मध्यकालीन पत्थरों के विशेषज्ञ मैरी मार्कस ने खोजा है.
पत्थरों को अलग-अलग करते समय पत्थर का एक ऐसा बड़ा टुकड़ा मिला जो घड़ियों के डायल जैसा था. मुझे चर्च में देखे गए डायल याद आए. फिर एक अन्य स्थान पर दूसरा टुकड़ा मिला. इन्हें जोड़ने पर पूरी घड़ी बन गई
ह्यू मॉरीसन
आईलैंड में इस तरह के क़रीब 50 ऐसे खुदे हुए पत्थर हैं जिन पर कोई शोध नहीं हुआ है. इन्हीं पत्थरों पर शोध की शुरुआत के दौरान उन्हें सनडायल मिला.
मॉरीसन कहते हैं, ‘‘पत्थरों को अलग-अलग करते समय पत्थर का एक ऐसा बड़ा टुकड़ा मिला जो घड़ियों के डायल जैसा था. मुझे चर्च में देखे गए डायल याद आए. फिर एक अन्य स्थान पर दूसरा टुकड़ा मिला. इन्हें जोड़ने पर पूरी घड़ी बन गई. ’’
मॉरीसन ने बताया कि उनकी टीम यह पता लगाने में भी कामयाब रही कि यह सनडायल कहां लगा हुआ था.
वो बताते हैं कि ये सनडायल आधुनिक घड़ियों की तरह हर मौसम में सही समय नहीं बता पाते थे लेकिन जब कभी सूर्य आसमान में होता था ये घड़ियां काफ़ी हद तक सही समय बता पाती थीं.