अब आसान नहीं झूठ बोलना !

अब आसान नहीं झूठ बोलना !

झूठ बोलने वालों के लिए एक बुरी ख़बर है. ब्रितानी वैज्ञानिकों ने झूठ पकड़ने वाली एक नई तकनीक का विकास किया है.

इस तकनीक में झूठ पकड़ने के लिए बात करने के दौरान चेहरे पर आए बदलाव को पढ़ने की कोशिश की जाती है.

ब्रैडफ़र्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने किसी व्यक्ति के झूठ बोलने पर उसके चेहरे पर ख़ून के प्रवाह और हाव-भाव में आए बदलाव पर नज़र रखी.

चेहरा सब बोलता है
बीबीसी के विज्ञान संवाददाता मैट मैकग्रा के मुताबिक वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस तकनीक का इस्तेमाल पुलिस और अप्रावासन अधिकारी उस व्यक्ति को बिना बताए कर सकते हैं, जिससे पूछताछ हो रही हो.

इस तकनीक का इस्तेमाल भविष्य में सुरक्षा और आप्रवासान मामलों के साथ-साथ पर्किंसन और डिमेंशिया (स्मृति लोप) जैसी बीमारियों का पता लगाने में भी किया जा सकता है

डॉक्टर हसन उगाली, ब्रॉडफोर्ड विश्वविद्यालय

वैज्ञानिक इस तकनीक का इस्तेमाल इस साल के अंत तक एक ब्रितानी हवाई अड्डे पर करने की योजना बना रहे हैं.

दुनिया में 1921 के बाद से झूठ पकड़ने के लिए पॉलीग्राफ का अविष्कार हुआ था जो अब भी इस्तेमाल होता है.

वैज्ञानिकों का दावा है कि यह नई तकनीक पॉलिग्राफ जितनी ही प्रभावी है लेकिन इसका शारीरिक हस्तक्षेप उसके मुक़ाबले काफ़ी कम है.

इस तकनीक में झूठ पकड़ने के लिए शोधकर्ताओं ने आँखों के आसपास ख़ून के प्रवाह की तस्वीरें लेने के लिए तापीय कैमरे का इस्तेमाल किया.

कोई व्यक्ति जूठ बोल रहा है या सच, यह जानने के लिए इन तस्वीरों को एक कंप्यूटर प्रोग्राम के जरिए घबराहट, आँखों के झपकने और होठ काटने से जोड़ा गया.

शोधकर्ताओं का कहना है कि सुरक्षा अधिकारी जब किसी व्यक्ति से पूछताछ कर रहे हों तो, उसे बिना बताए इस तकनीक का उपयोग करने के अच्छे नतीजे मिलेंगे.

शुरुआत में 40 लोगों पर किए गए प्रयोग में इस तकनीक से 70 फ़ीसदी सही नतीजे मिले.

लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर इसे किसी हवाई अड्डे पर वास्तविक स्थिति में उपयोग में लाया जाए तो इसके 90 फ़ीसद सही नतीजे मिल सकते हैं.

ब्रैडफ़र्ड विश्वविद्यालय के डॉक्टर हसन उगाली कहते हैं कि इस तकनीक का इस्तेमाल भविष्य में सुरक्षा और आप्रवासान मामलों के साथ-साथ पार्किंसन और डिमेंशिया (स्मृति लोप) जैसी बीमारियों का पता लगाने में भी किया जा सकता है

ITI Student Resume Portal

रिज्यूम पोर्टल का मुख्य उद्देश्य योग्य छात्रों की जानकारी सार्वजनिक पटल पर लाने की है जिससे जिन्हें आवश्यकता हो वह अपने सुविधा अनुसार छात्रों का चयन कर सकते हैं

ITI Student Resume

Search engine adsence

अडाना | अभोगी कान्ह्डा | अल्हैया बिलावल | अल्हैयाबिलावल | अहीर भैरव | अहीरभैरव | आनंदभैरव | आसावरो | ककुभ | कलावती | काफ़ी | काफी | कामोद | कालिंगड़ा जोगिया | कीरवाणी | केदार | कोमल-रिषभ आसावरी | कौशिक कान्हड़ा | कौशिक ध्वनी (भिन्न-षड्ज) | कौसी  | कान्ह्डा | खंबावती | खमाज | खम्बावती | गारा | गुणकली | गुर्जरी तोडी | गोपिका बसन्त | गोरख कल्याण | गौड मल्हार | गौड सारंग | गौड़मल्लार | गौड़सारंग | गौरी | गौरी (भैरव अंग) |चन्द्रकान्त | चन्द्रकौन्स | चारुकेशी | छाया-नट | छायानट | जयजयवन्ती | जयतकल्याण | जलधर  | केदार | जेजैवंती | जेतश्री | जैत | जैनपुरी | जोग | जोगकौंस | जोगिया | जोगेश्वरी | जौनपुरी | झिंझोटी | टंकी | तिलंग | तिलंग बहार | तिलककामोद | तोडी | त्रिवेणी | दरबारी कान्हड़ा | दरबारी कान्हडा | दीपक | दुर्गा | दुर्गा द्वितीय | देव गन्धार | देवगंधार | देवगिरि बिलावल | देवगिरी | देवर्गाधार | देवश्री | देवसाख | देश | देशकार | देस | देसी | धनाश्री | धानी | नंद | नट भैरव | नट राग | नटबिलावल | नायकी कान्ह्डा | नायकी द्वितीय | नायकीकान्हड़ा | नारायणी | पंचम | पंचम जोगेश्वरी | पटदीप | पटदीपकी | पटमंजरी | परज | परमेश्वरी | पहाड़ी | पीलू | पूरिया | पूरिया कल्याण | पूरिया धनाश्री | पूर्याधनाश्री | पूर्वी | प्रभात | बंगालभैरव | बड़हंससारंग | बसन्त | बसन्त मुखारी | बहार | बागेश्री | बागेश्वरी | बिलावल शुद्ध | बिलासखानी तोडी | बिहाग | बैरागी | बैरागी तोडी | भंखार | भटियार | भीम | भीमपलासी | भूपाल तोडी | भूपाली | भैरव | भैरवी | मधमाद सारंग | मधुकौंस | मधुवन्ती | मध्यमादि सारंग | मलुहा | मल्हार | मांड | मारवा | मारू बिहाग | मालकौंस | मालकौन्स | मालगुंजी | मालश्री | मालीगौरा | मियाँ की मल्लार | मियाँ की सारंग | मुलतानी | मेघ | मेघ मल्हार | मेघरंजनी | मोहनकौन्स | यमन | यमनी | रागेश्री | रागेश्वरी | रामकली | रामदासी मल्हार | लंका-दहन सारंग | लच्छासाख |ललिट | ललित | वराटी | वसंत | वाचस्पती | विभाग | विभास | विलासखानी तोड़ी | विहाग | वृन्दावनी सारंग | शंकरा | शहाना | शहाना कान्ह्डा | शिवभैरव | शिवरंजनी | शुक्लबिलावल | शुद्ध कल्याण | शुद्ध मल्लार | शुद्ध सारंग | शोभावरी | श्याम | श्याम कल्याण | श्री | श्रीराग | षट्राग | सरपर्दा | सरस्वती | सरस्वती केदार | साजगिरी | सामंतसारंग | सारंग (बृंदावनी सारंग) | सिंदूरा | सिंधुभैरवी | सिन्धुरा | सुघराई | सुन्दरकली | सुन्दरकौन्स | सूरदासी मल्हार | सूरमल्लार | सूहा | सैंधवी | सोरठ | सोहनी | सौराष्ट्रटंक | हंसकंकणी | हंसकिंकिणी | हंसध्वनी | हमीर | हरिकौन्स | हामीर | हिंदोल | हिन्डोल | हेमंत |हेमकल्याण | हेमश्री |