ये अपने बच्चों की जान क्यों ले रहे हैं?
कोलंबिया, इक्वेडोर और बेलीज़ में पाया गया है कि एक ख़ास नस्ल के बांदर- स्पाइडर मंकी अपने ही नर बच्चों की हत्या कर रहे हैं.
एक नए अध्ययन के मुताबिक स्पाइडर मंकी के नर बच्चों की हत्या की वजह यौन प्रतिस्पर्धा को रोकना है.
स्पाइडर मंकी इन्हें इसलिए कहा जाता है कि ये बंदर कभी-कभार ही ज़मीन पर अपने पैर रखते हों. एक डाली से दूसरी डाली और एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर यह घंटों टंगे रहते हैं.
इस कूदने-फांदने और टहनियों से लटकने में इनकी पूंछ भी इनकी मदद करती है.
स्तनधारियों में 35 वानर प्रजातियों समेत 119 प्रजातियों में शिशुहत्या सामान्य बात है.
स्पाइडर बंदरों में शिशु हत्या इससे पहले सिर्फ़ पांच बार दर्ज की गई थी.
शोधकर्ताओं ने अब स्पाइडर बंदरों के व्यवहार की तीन अलग संदिग्ध घटनाओं को रिकॉर्ड किया है. शोधकर्ताओं का मानना है कि स्पाइडर बंदरों में नर शिशुओं की हत्या आम है. हालाँकि पहले ऐसा नहीं माना जाता था.
प्राइमेट जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार समूह में नर स्पाइडर बंदरों के बीच यौन प्रतिस्पर्धा को देखते हुए शिशु नर स्पाइडर बंदरों की हत्या हो रही हैं. अगर बहुत अधिक नर बंदर होंगे तो प्रतिस्पर्धा अधिक ख़तरनाक हो जाएगी.
अध्ययन में यह भी बताया गया है कि इससे ये भी साबित होता है कि क्यों स्पाइडर वानरों में मादाओं की संख्या नर बंदरों से अधिक है.
स्पाडर बंदरों के नर शिशुओं की हत्या की घटनाओं को दर्ज करना बहुत मुश्किल था. शोधकर्ताओं को यह जानने की ज़रूरत थी कि हर बंदर का समूह से क्या संबंध है और यह किस परिवार से संबंधित है.
तीन प्रजातियों पर शोध
मैड्रिड की कॉम्प्लूटेंस यूनिवर्सिटी की सारा अल्वारेज़ और उनके सहयोगियों ने इक्वाडोर, कोलंबिया और बेलीज़ में स्पाइडर बंदरों की तीन विभिन्न प्रजातियों पर अध्ययन किया.
स्पाइडर बंदरों के ये समूह शोधकर्ताओं की मौजूदगी के आदी थे और सभी शोधकर्ताओं से वाकिफ़ थे.
एक मामले में, कुआओ नाम का एक नर स्पाइडर बंदर एक छोटे बच्चे के साथ अपनी मां के प्रति हिंसक हो गया.
हालाँकि उस समय बच्चे की ओर किसी तरह की हिंसक गतिविधि नहीं दिखी, लेकिन सात दिन बाद वह जंगल के एक हिस्से में बुरी तरह घायल अवस्था में रोता हुआ मिला. एक दिन बाद उन चोटों से उसकी मौत हो गई. उसकी मौत की गुत्थी सुलझ नहीं पाई.
नौ महीने बाद, कुआओ एक नए शिशु के साथ पाई गई, जिससे शोधकर्ताओं को पता चला कि वह उस शिशु की मौत के तुरंत बाद ही गर्भवती हो गई होगी.
नर बंदरों का संघर्ष
एक अन्य घटना में, एक हिंसक हमले के बाद एक शिशु स्पाइडर बंदर को मरा हुआ समझकर छोड़ दिया गया. मां और एक अन्य नर बंदर के घायल होने से पता चला कि बंदरों के बीच संघर्ष हुआ था.
एक अन्य वयस्क मादा बंदर को बिना मां के इस बच्चे को दुलारते हुए देखा गया.
शोधकर्ताओं के दल ने इस शिशु को बचाया और फिर उसकी मां से मिलाया. शोधकर्ताओं का कहना है कि शिशु की चोटें इतनी गंभीर थी कि उसे मुश्किल से ही बचाया जा सका.
आमतौर पर एक मादा स्पाइडर बंदर हर तीसरे साल बच्चे को जन्म देती है, लेकिन अगर उसका बच्चा मर जाए तो गर्भधारण करने का समय घटकर 9-10 महीने हो जाता है.
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