वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में मानव शुक्राणु बनाने का दावा किया है.
ब्रिटेन में न्यूकासल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में मानव शुक्राणु बनाने का दावा किया है. वैज्ञानिकों का मानना है कि दुनिया में पहली बार हुए इस प्रयोग की सफलता से पुरुषों में बंध्यता या बाप नहीं बन पाने की समस्या को दूर करने में मदद मिल सकती है.न्यूकासल विश्वविद्यालय और नॉर्थईस्ट स्टेम सेल इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में स्पर्म या शुक्राणु विकसित करने के अपने सफल प्रयोग की रिपोर्ट विज्ञान पत्रिका 'स्टेम सेल एंड डेवलपमेंट' में प्रकाशित की है. इस क्षेत्र से जुड़े कई अन्य वैज्ञानिकों को इस बात पर संदेह है कि पूरी तरह से विकसित शुक्राणुओं को प्रयोगशाला में पैदा किया गया है. लेकिन न्यूकासल के वैज्ञानिकों ने एक वीडियो जारी कर दावा किया है कि उनके द्वारा बनाए गए शुक्राणु पूरी तरह विकसित और गतिशील हैं.
आख़िर प्रयोगशाला में शुक्राणु विकसित करने के इस प्रयोग से क्या फ़ायदा होगा?
इस सवाल के जवाब में न्यूकासल विश्वविद्यालय के प्रयोग से जुड़े वैज्ञानिक प्रोफ़ेसर करीम नेयर्निया ने बीबीसी को बताया, "इस तकनीक के ज़रिए हम पुरुषों की बंध्यता की समस्या को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे, क्योंकि प्रयोगशाला में हम शुक्राणुओं के विकास के अलग-अलग चरणों का अध्ययन कर सकते हैं. इससे हमें शुक्राणुओं के आनुवंशिक प्रभाव या उन पर पड़ने वाले पर्यावरणीय जैसे बाह्य प्रभावों का भी अध्ययन करने का मौक़ा मिलता है
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