सबसे ज़हरीला सांप, बिच्छू या घोंघा?
दुनिया के सबसे ज़हरीले जानवरों की किसी भी सूची में सांप शीर्ष स्थान पर आते हैं. सारे सांप ज़हरीले तो नहीं होते लेकिन कुछ सांप काफ़ी ज़हरीले होते हैं.
ऑस्ट्रेलिया की ब्रिसबेन यूनिवर्सिटी के डॉ. ब्रायन फ्राय के मुताबिक़ ऑस्ट्रेलिया की एक स्थानीय प्रजाति सबसे ज़्यादा ज़हर बनाती है.
ब्रायन फ्राय कहते हैं, "मुल्गा सांप की एक बाइट में 1.3 ग्राम ज़हर होता है." इस सांप को किंग ब्राउन भी कहा जाता है और यह पूरे ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है. यह अमूमन लकड़ी के पुराने ढेर या कचरे में पाया जाता है.
हालांकि इसके बाद भी ऑस्ट्रेला में सांप काटने के मामले कम ही सामने आते हैं.
फ्राय के मुताबिक भारत का किंग कोबरा, अफ़्रीका का गैबन वाइपर और अमरीका में ईस्टर्न डायमंडबैक रैटलस्नेक भी काफ़ी ज़हरीले होते हैं.
वैसे दुनिया का सबसे ज़हरीला बिच्छू है डेथस्टाकर. यह मध्य पूर्व के रेगिस्तान में पाया जाता है. यह अमूमन रात में शिकार के लिए निकलता है. इसका ज़हर और डंक पूंछ में रहता है.
डेथस्टाकर की लंबाई अमूमन 11 सेंटीमीटर होती है, लेकिन उसमें तेज़ डंक मारने की क्षमता होती है. प्रयोगों के मुताबिक डेथस्टाकर का 0.25 मिलीग्राम एक किलोग्राम के चूहे को मारने के लिए काफ़ी होता है.
हालांकि दुनिया के सबसे ज़हरीले जानवर को तलाशना बेहद मुश्किल काम है, क्योंकि पृथ्वी पर अलग-अलग जीवों की प्रजाति का विकास अलग-अलग जानवरों को निशाना बनाने के लिए हुआ है.
ज़हर के असर पर प्रयोग करने के लिए इंसान नहीं मिलते हैं लिहाजा वैज्ञानिक ज़हर की तीव्रता देखने के लिए चूहों पर प्रयोग करते हैं.
इन अध्ययनों के मुताबिक मीडियन डोज़ वाले ज़हर से 50 फ़ीसदी चूहों की मौत हो जाती है.
मतलब चूहों पर असर से ये आंका जाता है कि कौन सा जीव कितना ज़हरीला है. इस सूची में सबसे शीर्ष पर मैरीन स्नेल्स यानी समुद्री घोंघे हैं.
यह घोंघे ख़ुद को आवरण में ढंक लेते हैं लेकिन ख़तरा महसूस होने पर ज़हरीला डंक भी मारते हैं. लंदन के नेचुरल हिस्ट्री म्यूज़िय़म के डॉ. रोनल्ड जेनर कहते हैं, "मछलियों का शिकार करने वाले घोंघे सबसे ज़्यादा ज़हरीले होते हैं."
यह घोंघा इतना ज़हरीला होता है कि इसका असर मनुष्यों के स्नायुतंत्र, रक्त, मांसपेशियों और अन्य अंगों पर पड़ता है. 1670 से अब तक समुद्री घोंघे की ज़हर से केवल 36 मौतों का आंकड़ा उपलब्ध है. वैसे मनुष्यों में इसके डंक के 65 फ़ीसदी मामले चिकित्सीय इलाज के बिना जानलेवा होते हैं.
जहाँ तक सांपों की बात की जाए, इनलैंड टायपन को दुनिया का सबसे ज़हरीला सांप माना जाता है. एक किलोग्राम वज़नी चूहे के लिए इसका 0.025 मिलीग्राम ज़हर ही काफ़ी होता है.
यह सेंट्रल ऑस्ट्रेलिया के दूर दराज़ रेगिस्तान में पाया जाता है. वैसे इस सांप के समुद्रतटीय कज़िन कोस्टल टायपन में ज़हर कम होता है, लेकिन इसको काफ़ी ज़हरीला माना जाता है. यह सांप काफ़ी तेज़ी से कम समय में कई बार काटता है.
ब्लैक माम्बा सांप भी इस तरह से लोगों को काटता है. यह अफ्रीका में पाया जाता है और ऑलिव रंग का होता है. यह सांप काटने से पहले आवाज़ निकलता है लेकिन इसके बाद भी ख़तरा महसूस होने पर यह ज़हर का डंक मारता है.
वैसे दुनिया भर में तेजी से आबादी बढ़ रही है और सांपों की रहने की जगह में अतिक्रमण बढ़ रहा है. ऐसे में सांपों के काटे जाने के मामले बढ़ रहे हैं.
फ्राय के मुताबिक़ मैक्सिको में हर साल पांच लाख लोगों को बिच्छू काटता है और भारत में दस लाख लोगों को हर साल सांप काटते हैं, जिनमें से 50 हज़ार लोगों की मौत हो जाती है
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