Vocational : Beauty Therapy By Dr. Praveen Chauhan

Language: 
English

आज कल के आधुनिक समाज में हम सभी अपने सौन्‍दर्य को लेकर अधिक जागरूक हो गये है। ब्‍यूटी पार्लर्स, सैलोन, स्‍पा इत्‍यादि जाने वाले लोगों में लगातार बढोतरी हो रही है, जिससे सौंदर्य के क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ रहें है।  एनएसडीए की एक रिपोर्ट के अनुसार इस क्षेत्र में 20% की दर से सालाना बढोतरी हो रही है, इसलिए व्‍यावसायिक प्रशिक्षित स्‍टॉफ की आवश्‍यकता भी बढ़ रही है। सौन्‍दर्य सेवाओं का लाभ उठाने वाले लोगों की संख्‍या में आश्‍चर्यजनक बढ़ोत्‍तरी हुई है। मूलभूत सौन्‍दर्य सेवाएं, हेयर ड्रेसिगं इत्‍यादि आजकल महिलाओं की रोजमर्रा की आवश्‍यकता बन गई है। खास बात यह है कि अब पुरूष भी सौन्‍दर्य सेवाओं का लाभ उठा रहे है जिससे पुरूषों के लिए भी इस क्षेत्र में रोजगार के अनेकों द्वारा खुल गये हैं।

सौन्‍दर्य एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें आपकी रचनात्‍मकता एवं मौलिकता के लिए अपार संभावनाएं  निहित है। ‘सौन्‍दर्य उपचार’ के इस पाठ्यक्रम से आपमें दुसरों को सुन्‍दर और आत्‍मविश्‍वास से भरपूर बनाने की क्षमता का विकास होगा। एक असिसटेंट ब्‍यूटी थेरेपिस्‍ट से यह आशा की जाती है कि उन्‍हें एक ब्‍यूटी सैलोन में दिये जाने वाले विभिन्‍न सौन्‍दर्य उपचारों, उपकरणों, औजारों एवं सामान की जानकारी होगी। हमारा यह ‘सौन्‍दर्य उपचार’ का पाठ्क्रम आपको इन सभी के विषय में संपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा। इस पाठ्क्रम में आप त्‍वचा के बुनियादी उपचारों, अनचाहे बालों को हटाने की विधियों, मैनीक्‍योर, पैडीक्‍योर, त्‍वचा एवं केश संबंधी सेवाओं तथा मेकअप की कला के बारे में सीखेंगे। इस पाठ्यक्रम को कर के आप पार्लर में असिसटेंट ब्‍यूटीशन के तौर पर कार्य कर सकते है। यदि आपका रूझान किसी एक क्षेत्र में ज्‍यादा है तो आप उसी क्षेत्र में अपना कैरियर बना सकते है। जैसे आप नेलआर्ट के लिए अलग से सैलोन स्‍थापित कर सकते है, हेयर स्‍टाइलिस्‍ट या मेकअप आर्टेस्‍ट बन सकते है। आप इस पाठ्क्रम का चुनाव खुद को निखारने व आकर्षक बनाने के लिए भी कर सकते है। यदि आपके पास अपना व्‍यवसाय खोलने के लिए पर्याप्‍त पूंजी नहीं है तो भी आप मोबाइल पार्लर्स के माध्‍यम से फोन पर अपॉइंटमेंट लेकर क्‍लांइट के घर जा कर काम कर सकते है। इस व्‍यवसाय को बढ़ाने की कोई सीमा नहीं है, इसे आप उच्‍चतम स्‍तर तक ले जा सकते हैं।

 
 

 

Course layout

Instructor bio

Profile photo

Dr. Praveen Chauhan

National Institute Of Open Schooling (NIOS)

Summary
Course Status : Upcoming
Course Type : Core
Duration : 24 weeks
Start Date : 01 Apr 2021
End Date : 30 Sep 2021
Exam Date :  
Enrollment Ends : 30 Sep 2021
Category :
  • Multidisciplinary
Credit Points : 10
Level : School
 
Knowledge Partner: 

ITI Student Resume Portal

रिज्यूम पोर्टल का मुख्य उद्देश्य योग्य छात्रों की जानकारी सार्वजनिक पटल पर लाने की है जिससे जिन्हें आवश्यकता हो वह अपने सुविधा अनुसार छात्रों का चयन कर सकते हैं

ITI Student Resume

Search engine adsence

अडाना | अभोगी कान्ह्डा | अल्हैया बिलावल | अल्हैयाबिलावल | अहीर भैरव | अहीरभैरव | आनंदभैरव | आसावरो | ककुभ | कलावती | काफ़ी | काफी | कामोद | कालिंगड़ा जोगिया | कीरवाणी | केदार | कोमल-रिषभ आसावरी | कौशिक कान्हड़ा | कौशिक ध्वनी (भिन्न-षड्ज) | कौसी  | कान्ह्डा | खंबावती | खमाज | खम्बावती | गारा | गुणकली | गुर्जरी तोडी | गोपिका बसन्त | गोरख कल्याण | गौड मल्हार | गौड सारंग | गौड़मल्लार | गौड़सारंग | गौरी | गौरी (भैरव अंग) |चन्द्रकान्त | चन्द्रकौन्स | चारुकेशी | छाया-नट | छायानट | जयजयवन्ती | जयतकल्याण | जलधर  | केदार | जेजैवंती | जेतश्री | जैत | जैनपुरी | जोग | जोगकौंस | जोगिया | जोगेश्वरी | जौनपुरी | झिंझोटी | टंकी | तिलंग | तिलंग बहार | तिलककामोद | तोडी | त्रिवेणी | दरबारी कान्हड़ा | दरबारी कान्हडा | दीपक | दुर्गा | दुर्गा द्वितीय | देव गन्धार | देवगंधार | देवगिरि बिलावल | देवगिरी | देवर्गाधार | देवश्री | देवसाख | देश | देशकार | देस | देसी | धनाश्री | धानी | नंद | नट भैरव | नट राग | नटबिलावल | नायकी कान्ह्डा | नायकी द्वितीय | नायकीकान्हड़ा | नारायणी | पंचम | पंचम जोगेश्वरी | पटदीप | पटदीपकी | पटमंजरी | परज | परमेश्वरी | पहाड़ी | पीलू | पूरिया | पूरिया कल्याण | पूरिया धनाश्री | पूर्याधनाश्री | पूर्वी | प्रभात | बंगालभैरव | बड़हंससारंग | बसन्त | बसन्त मुखारी | बहार | बागेश्री | बागेश्वरी | बिलावल शुद्ध | बिलासखानी तोडी | बिहाग | बैरागी | बैरागी तोडी | भंखार | भटियार | भीम | भीमपलासी | भूपाल तोडी | भूपाली | भैरव | भैरवी | मधमाद सारंग | मधुकौंस | मधुवन्ती | मध्यमादि सारंग | मलुहा | मल्हार | मांड | मारवा | मारू बिहाग | मालकौंस | मालकौन्स | मालगुंजी | मालश्री | मालीगौरा | मियाँ की मल्लार | मियाँ की सारंग | मुलतानी | मेघ | मेघ मल्हार | मेघरंजनी | मोहनकौन्स | यमन | यमनी | रागेश्री | रागेश्वरी | रामकली | रामदासी मल्हार | लंका-दहन सारंग | लच्छासाख |ललिट | ललित | वराटी | वसंत | वाचस्पती | विभाग | विभास | विलासखानी तोड़ी | विहाग | वृन्दावनी सारंग | शंकरा | शहाना | शहाना कान्ह्डा | शिवभैरव | शिवरंजनी | शुक्लबिलावल | शुद्ध कल्याण | शुद्ध मल्लार | शुद्ध सारंग | शोभावरी | श्याम | श्याम कल्याण | श्री | श्रीराग | षट्राग | सरपर्दा | सरस्वती | सरस्वती केदार | साजगिरी | सामंतसारंग | सारंग (बृंदावनी सारंग) | सिंदूरा | सिंधुभैरवी | सिन्धुरा | सुघराई | सुन्दरकली | सुन्दरकौन्स | सूरदासी मल्हार | सूरमल्लार | सूहा | सैंधवी | सोरठ | सोहनी | सौराष्ट्रटंक | हंसकंकणी | हंसकिंकिणी | हंसध्वनी | हमीर | हरिकौन्स | हामीर | हिंदोल | हिन्डोल | हेमंत |हेमकल्याण | हेमश्री |